हमारा कार्य

प्रकृति में बहुत सारे भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव हैं जिनमें उनके कार्य ,रचना ,प्रजनन ,रहन-सहन आदि – आदि में समानता के आधार पर कई जातियों में बांटा गया है अतः एक तरह के सभी जीव को एक जाति बना दिया गया है इसे अंग्रेजी में Species कहते हैं जैसे मनुष्य, गाय ,घोड़ा आदि यह सब अलग-अलग जातियां हैं आगे हम सिर्फ मनुष्य जाति की ही चर्चा करेंगे । इन जातियों में भी विभिन्नता है जिसके आधार पर आप किसी को भी व्यक्तिगत (particularly)  रूप से पहचान पाते हैं कि यह राम है वह मोहन है आदि आदि। इसी को पृथक्करण का सिद्धांत कहते हैं । इसी सिद्धांत को गहराई से देखने पर पता चलेगा कि मनुष्य एक दूसरे से पुर्णतया भिन्न है ।उसके ऑख, नाक, कान, चेहरे की बनावट से लेकर उसके खान-पान रहन-सहन, स्वभाव आदि सब कुछ में भिन्नता है। हम इसी भिन्नता का पता लगाते हैं कि इस आदमी में क्या विशेष गुण है और क्या अवगुण है । इसके विकास में, इसके सफलता में बाधक क्या-क्या है । हम व्यक्ति के व्यक्तित्व की कमियों को पता कर उसे दूर कर देते हैं और वह व्यक्ति अपने कार्य में सफल हो जाता है

गुरु चाणक्य ने एक साधारण बालक पर अपना सफल प्रयोग किया। उसके व्यक्तित्व का विश्लेषण कर आवश्यकता अनुसार उसका विकास किया और उसे महान चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक बना दिया। जिसनें भी चाहा प्रकृति के इस नियम से मनोवांछित लाभ लिया। इसी से हम भी समाज को लाभान्वित कर रहे हैं। युवाओं के व्यक्तित्व का विश्लेषण कर आवश्यकता अनुसार उसका विकास करते हैं जिससे वे सफल होते हैं। सफलता का मतलब सरकारी नौकरी पाना ही नहीं होता, जब कोई कार्य भलिभांति संम्पादित हो जाता है तो वह सफलता कहलाती है। आपने सोचा कि एक दुकान करना है और आप खोल भी लिए, मनोनुकूल चल भी गया यानी आप सफल हो गए।

सफलता प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति में आवश्यक गुणों का होना अत्यंत जरूरी होता है। एक डॉक्टर बनने के लिए जो गुण चाहिए वही गुण वकील बनने के लिए नहीं चाहिए। दोनों में अलग-अलग गुणों का होना जरूरी है। आप तैराकी मे सफलता चाहते हैं तो तैरने आना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आज के अधिकांश युवाओं के पास डिग्री है परन्तु डिग्री के हिसाब से गुणवत्ता नहीं है। यानी संगीत से मास्टर डिग्री है लेकिन संगीत नहीं आता। अंग्रेजी से मास्टर डिग्री है लेकिन अंग्रेजी नहीं आता। इससे सिर्फ किसी एक व्यक्ति का नुकसान नहीं होता वल्कि परिवार, समाज और देश को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।

प्रतियोगिता के इस दौर में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग हो रहा है। नये नये अनुसंधान हो रहे हैं। आप सफलता चाहते हैं तो जमाने के साथ चलना होगा वरना पिछड़ जायेंगे। अपनी काबिलियत बढाये और जमाने के साथ चले।

इसी क्रम में छात्रों के लिए कुछ अत्यन्त उपयोगी प्रोग्राम हमने बनाया है जो बहुत लाभकारी सिद्ध हो रहा है जैसे-

 

प्रोग्राम:- आत्मनिरीक्षण व व्यक्तित्व परिवर्तन

INTROSPECTION & TRANSFORMATION OF PERSONALITY TRAITS

  1. Personality Traits Analysis
    व्यक्तित्व विश्लेषण
  2. Personal Counselling
    निजी परामर्श
  3. Career Counselling
    व्यवसायिक परामर्श
  4. Personalized Remedy
    व्यक्तिगत उपाय
  5. Annual Result Care
    वार्षिक परिणाम का देखरेख
  6. Workshop and Motivation
    कार्यशाला एवं प्रेरणा
  7. Proper Guidelines
    उचित मार्गदर्शन

 

प्रोग्राम:- शैक्षणिक क्रांति तथा जीवन के निपटारे

EDUCATIONAL REVOLUTION & SETTLEMENT OF LIFE